बैंगलोर: कर्नाटक में कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस ने नई सरकार का गठन किया गया है। जिसके बाद से सरकार की आलोचना करने को लेकर दो लोगों पर करवाई हो चुकी है। पहले एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था, जिसने यह बताया था कि, सिद्धारमैया ने अपने पिछले कार्यकाल में कितना लोन लिया था। अब राज्य में एक दलित कार्यकर्ता को अरेस्ट किया गया है। दलित एक्टिविस्ट पर राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर की आलोचना करने का इल्जाम है।
रिपोर्ट के अनुसार, मांड्या जिले के इस दलित एक्टिविस्ट ने कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा था। इसी पोस्ट को लेकर उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है। दरअसल, दलित कार्यकर्ता ने जी परमेश्वर को नाकाबिल व्यक्ति कह दिया था और कहा था कि उनके संबंध राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से हैं, जो भाजपा का मूल संगठन है। दलित एक्टिविस्ट शिवराज मरलिगा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा था कि 'जी परमेश्वर एक नाकाबिल व्यक्ति हैं। वह अपने ही बेटे को नहीं बचा सके। उन्होंने अंबेडकर के सिद्धांतों को बरकरार नहीं रखा। अब उनका RSS से नाता है। क्या है इस रिश्ते के पीछे का राज? किसमें दम है इसका जवाब दीजिए।' बता दें, शिवराज मरलिगा मांड्या के मदुरा तालुक के निवासी हैं।
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के वायरल होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएम डोडी ने दलित कार्यकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। IPC की धारा 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच किसी भी तरह के संघर्ष या दुश्मनी को बढ़ावा देने का प्रयास करना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता की शिकायत के आधार पर शिवराज मरलिगा को अरेस्ट कर लिया।
सिद्धरमैया सरकार का लोन बताने वाले टीचर पर गिरी थी गाज :-
दरअसल, कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद शांति मूर्ति एमजी ने सोशल मीडिया के माध्यम से सिद्धारमैया सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, पूर्व एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान एसएम कृष्णा ने 3,590 करोड़ रुपये, एचडी कुमारस्वामी ने 3,545 करोड़ रुपये, बीएस येदियुरप्पा ने 25,653 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टार ने 13,464 करोड़ रुपये, धर्म सिंह 15,635 करोड़ रुपये और डीवी सदानंद गौड़ा ने 9,464 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जबकि सिद्धारमैया सरकार (2013-18) ने 2,42,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। शिक्षक ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, एसएम कृष्णा के वक़्त से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों ने कुल 71,331 करोड़ रुपये ऋण लिया, मगर सिद्धारमैया के कार्यकाल में कर्ज की राशि 2,42,000 करोड़ रुपये तक जा पहुंची थी।
ये आंकड़े दिखाते हुए शिक्षक ने सरकार को नसीहत देते हुए लिखा था कि, 'इसलिए सिद्धारमैया सरकार के लिए मुफ्त योजनाओं और गिफ्ट का ऐलान करना बेहद आसान रहा है।' लेकिन, इस पोस्ट के सामने आते ही शिक्षक पर गाज गिरी और उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। उप निदेशक के रविशंकर रेड्डी ने कहा कि शिक्षक ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला लिया है। दरअसल, यह मामले इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी अक्सर कहते रहते हैं कि, उन्हें बोलने नहीं दिया जाता और केंद्र सरकार आलोचना करने वालों को जेल में डाल देती है, केंद्र सरकार आवाज़ दबाती है। लेकिन, अब कर्नाटक में उनकी ही सरकार केवल सोशल मीडिया पर एक नेता को नाकाबिल कहने पर दलित एक्टिविस्ट को गिरफ्तार कर रही है, तो कांग्रेस की कथनी और करनी पर सवाल उठ रहे हैं ।
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