दमोह : क्षेत्र के एक गांव मंे रहने वाली दिव्यांग छात्रा दुर्गा ने उन लोगों के लिये मिसाल कायम की है, जो शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ्य होकर भी किसी लक्ष्य को प्राप्त करने में पीछे रहते है। दुर्गा ने न केवल कक्षा दसवीं की परीक्षा में पैरों से प्रश्नों के उत्तर लिखे वहीं उसकी मेहनत का परिणाम 61 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होने के रूप में भी दुर्गा को मिला है।
अब यह बात अलग है कि खबर मिलने के बाद प्रशासन की तरफ से दुर्गा को मदद दी गई। दुर्गा ने बताया कि वह पढ़ाई करने में पीछे नहीं रहती है और न ही उसकी विकलांगता उसके लक्ष्य को बाधित कर सके है। उसके हौसलों की तारीफ करते हुये शिक्षकों ने परीक्षा दिलाई थी।
शिक्षकों को भी उम्मीद थी कि दुर्गा परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जायेगी। बताया गया है कि दुर्गा की जानकारी मिलने के बाद सरकारी तौर से तो उसे एक लाख रूपये की मदद मिली ही वहीं स्थानीय प्रशासन ने उसे कृत्रिम हाथ भी लगवा दिये है।