ये वो पांच वजहे जो ‘दंगल’ को बनाती है ‘सुल्तान’ से बिल्कुल अलग....

ये वो पांच वजहे जो ‘दंगल’ को बनाती है ‘सुल्तान’ से बिल्कुल अलग....
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बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ जो की आज ही सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. शुरूआत से ही इस फिल्म की तुलना सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ से हो रही है क्योंकि दोनों ही फिल्म कुश्ती पर बनी हैं. लेकिन दंगल देखने के बाद पता चलता है कि इन दोनों फिल्मों की कोई तुलना ही नहीं है.आज हम आपको यहां बता रहे है कि वो पांच वजहे जो ‘दंगल’ को बनाती है ‘सुल्तान’ से बिल्कुल अलग-

1. ‘सुल्तान’ लव स्टोरी है, ‘दंगल’ बायोपिक 

आमिर खान की ‘दंगल’ और सलमान खान की ‘सुल्तान’ दोनों फिल्में कुश्ती पर बनी जरूर हैं लेकिन इनकी कहानी बिल्कुल अलग है. ‘सुल्तान’ में लव स्टोरी दिखाई गई है जबकि ‘दंगल’ बायोपिक है और इसमें वास्तविक कहानी दिखाई गई है. जहां ‘सुल्तान’ पूरी तरह मसाला फिल्म है वहीं ‘दंगल’ को ज्यादा फिल्मी नहीं बनाया गया है, इसमें सब कुछ देखने में भी रियलिस्टिक लगता है और यही वजह ‘दंगल’ को बहुत अलग बनाती है. ‘दंगल’ को डायरेक्टर नितेश तिवारी ने इस तरह परदे पर उकेरा है कि हर सीन, हर एक्सप्रेशन, हर डायलॉग सब रियलिस्टिक लगते हैं. फिल्मी मसाला ना होते हुए भी दो घंटे 50 मिनट की ये फिल्म आपको बांधे रखती है.

2. ‘सुल्तान’ में सलमान के लटके-झटके हैं जबकि ‘दंगल’ रियलिस्टिक है

सुल्तान’ मसालेदार फिल्म थी और सलमान खान के अंदाज और लटकों-झटकों से भरी हुई थी. ‘सुल्तान’ में सलमान ख़ान को देखते समय हमेशा ही ये दिमाग में रहता है कि ये सलमान खान हैं, सुपरस्टार हैं. जबिक आमिर खान ने महावीर सिंह फोगट की भूमिका के लिए खुद को पूरी तरह बदल लिया है. आमिर खान इसमें हरियाणवी बोलते हैं, उनकी तोंद निकली हुई है, उनकी चाल-ढ़ाल, बोली, रंग-रूप सब कुछ बदला हुआ है.


3. ‘दंगल’ में कुश्ती के कुछ शॉट्स और सीन्स हैं सांसे थमा देने वाले 

कुश्ती पर ये दोनों फिल्में बनीं हैं अगर उसकी कुश्ती के सीन और शॉट्स की बात करें तो इस मामले में ‘दंगल के सामने ‘सुल्तान’ कहीं भी नहीं टिकती. सुल्तान में कुश्ती के जो भी सीन देखने को मिले थे वो बहुत कम समय के लिए थे और बारीक नहीं थे. जबकि दंगल में सेकेंड हाफ की पूरी फिल्म में ही कुश्ती दिखाई गई है और वो इस तरीके से दिखाया गया है कि दर्शकों को समझ भी आता है और दिलचस्पी भी बनी रहती है.

4. ‘दंगल’ में आमिर नहीं गीता-बबीता हैं फिल्म की असली हीरो

‘सुल्तान’ में सलमान खान को ही हीरो दिखाया जाता है. फिल्म में अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में हैं और बच्चें की वजह से वो गोल्ड मेडल जीतने से चूक जाती है. कुश्ती छोड़ देने वाले ‘सुल्तान’ फिर अखाड़े में उतरते हैं और आखिर में मेडल जीतकर हीरो बन जाते हैं. जबकि दंगल में आमिर खान के होते हुए भी इस फिल्म का पूरा फोकस गीता और  बबीता पर है और वही फिल्म की असली हीरो हैं. फिल्म कहीं भी भटकती नहीं है.

5. म्यूजिक

‘सुल्तान’ को इंटरटेनिंग बनाने के लिए इसमें करीब 6 गाने हैं. इसमें ‘बेबी को बेस पसंद है’ और ‘440 बोल्ट’ में जबरदस्त सलमान खान के लटके-झटके दिखाए हैं. लेकिन ‘दंगल’ में सिर्फ तीन गाने हैं और उन्हें भी अलग से नहीं डाला गया है वो कहानी के बैंकग्राउंड में चलते हैं. दंगल के गाने दमदार हैं. इसमें ‘हानिकारक बापू’, ‘धाकड़’ और ‘गिल्हेरियां’ पहले ही पॉपुलर हो चुके हैं. अरिजित सिंह की आवाज में एक गाना है ‘नैना’ जो रूला जाता है. 'दंगल’ इस साल की बेहतरीन फिल्मों में से एक है. ‘दंगल’ में एक मैसेज भी दिया है कि लड़कियों को कभी भी लड़कों से कम नहीं आंका जाना चाहिए. जैसा कि फिल्म में एक डायलॉग भी है ‘गोल्ड तो गोल्ड होता है छोरा लावे या छोरी…’. तो अगर आप भी काफी समय से किसी अच्छी फिल्म का इंतजार कर रहे थे तो आप वीकेंड पर ये फिल्म इन्जॉय कर सकते हैं.

 

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