देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सिंकिंग टाउन जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए कई परिवारों को अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। हालांकि परेशानी अभी टली नहीं है तथा जमीन धंसने की घटनाएं निरंतर आ रही हैं। इस बीच हालातों को लेकर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ पी के मिश्रा आज दोपहर पीएमओ में मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अफसरों एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। जोशीमठ के जिला पदाधिकारी एवं उत्तराखंड के वरिष्ठ अफसर भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ से आरम्भ हुआ भू-धंसाव अब कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है। एक ओर जोशीमठ के लोग चिंतित एवं परेशान हैं, तो वहीं कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर में उपस्थित लगभग पचास घरों में दरार आने लगी हैं। भू-धंसाव की वजह से इन घरों की दीवारे आहिस्ता-आहिस्ता दरकने लगी हैं। घरों के दरकने के पश्चात् क्षेत्र के पीड़ितों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
वही इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने सुरक्षा एवं बचाव कार्यों के लिए चमोली को 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम जारी की है। जोशीमठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब जैसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है तथा इसे उस स्थान के तौर पर जाना जाता है जहां सदियों पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी। केंद्र सरकार ने भू-धंसाव की घटना एवं जोशीमठ पर इसके प्रभाव का "त्वरित अध्ययन" करने के लिए एक पैनल का गठन किया है। जोशीमठ को बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब एवं अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली समेत कुछ लोकप्रिय तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार माना जाता है, जो आपदा के कगार पर है।
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