कोपनहेगन l डेनमार्क में नकाब और बुर्का समेत चेहरा ढंकने वाले सारे परिधानों के पहनने पर घोषित कानूनी प्रतिबंध बुधवार से लागू कर दिया गया है. जिसके बाद इस रोक के समर्थन और विरोध में जमकर जुबानी जंग भी देश में देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि डेनमार्क की संसद ने 31 मई को इस कानून को मंजूरी दी थी.
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इस मसले पर सत्तारूढ़ उदारवादी पार्टी वेंस्त्रे के मार्कस नुथ ने बयान दिया कि कुछ रूढ़िवादी महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपडे बहुत दमनकारी लगते हैं. वहीं इस कदम के खिलाफ 'पार्टी रिबेल्स' कार्यकर्ता समूह की शाशा एंडर्सन शाम में प्रदर्शन करने की योजना बना रही हैं. उन्होंने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक पक्षपात भरा कदम बताते हुए इसकी आलोचना की थी .
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गौरतलब है कि 31 मई को इसके पक्ष में 75 और विपक्ष में 30 सांसदों के वोट आये थे. इसे 1 अगस्त से लागू किया जाना था. जिसमे बताया गया था कि सार्वजनिक स्थानों पर नकाब, बुर्का या चेहरे को ढकने वाला अन्य कोई परिधान पहनना दंडनीय अपराध होगा. जिसके तहत इस नियम को तोड़ने वाले को सजा दी जायेगी. उसके ऊपर एक 10,723 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा l
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