देवबंद: इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने एक फतवे में ईद के दिन गले मिलने को बिदअत यानि गलत बताया गया है. ईद से दो दिन पहले इस फतवे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, फतवा चर्चा का विषय बन रहा है. दारुल उलूम के इस फतवे को उलेमा ने भी समर्थन दिया है. आधुनिक दौर में ईद के त्यौहार पर एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद देने का चलन बढ़ता ही जा रहा है.
इस चलन पर पाकिस्तान से दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल करते हुए पूछा गया था कि क्या शरई एतबार से गले मिलकर एक दूसरे को बधाई देना सही है या नहीं. सोशल मीडिया पर आग की तरह से वायरल इस फतवे में दारुल उलूम के मुफ्ती-ए-कराम ने दो टूक कहा है कि है कि ऐन ईद के दिन या रीत बनाकर गले मिलना बिदअत है.
माह-ए-रमजान में पाकिस्तान से एक बार फिर दारुल उलूम के मुफ्ती-ए-कराम से सवाल पुछा गया है कि क्या ईद के दिन परंपरा के रूप में एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद दी जा सकती है साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्या पैगंबर मोहम्मद तथा उनके साहबा ए कराम से कही यह साबित है. वहीं, अगला सवाल ये था कि अगर कोई हमसे गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो क्या हमें गले मिलना चाहिए, लेकिन इसका जवाब देते हुए दारुल उलूम की खंडपीठ ने कहा कि ईद के दिन ये सरासर गलत है.
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