लोक सभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद चुनावी माहौल गरमाया हुआ है वर्तमान में पूरे देश में लोकसभा चुनाव 2024 का उत्साहपूर्ण माहौल है। यही हाल दक्षिणी राज्यों में भी है। तमिलनाडु में सभी 39 चुनावी क्षेत्रों में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा। राजनीतिक दल और उम्मीदवार वोटरों को लुभाने और उनसे वोट हासिल करने की जुगत में लगे हुए है और इसके लिए हरसम्भव प्रयास कर रहे हैं। तमिलनाडु की कृष्णागिरी लोकसभा सीट विशेष चर्चा में है। यहाँ से तमिलर काची (एनटीके) की उम्मीदवार विद्या रानी चुनावी मैदान में उतरी हैं।
विद्या रानी अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत कर रही विद्या रानी , काफी समय से एक अलग वजह से चर्चा के केंद्र में है , जिसका कारण है उनके पिता। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी हैं। विद्या रानी वकील हैं, और एक एक्टिविस्ट के रूप में वह आदिवासियों और दलितों के हितों के लिए काम कर रही हैं।
विद्या रानी का राजनीतिक सफर 2020 में शुरू हुआ, जब वह भाजपा में शामिल हुईं, और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिता समान बताया था। हालांकि, अब वह एनटीके में शामिल हो गईं, जो अब भी एलटीटीई के संस्थापक वेलुपिल्लई प्रभाकरण का सम्मान करती है।विद्या रानी का विश्वास है कि उनके पिता के पिछले कार्यों या व्यक्तित्व से उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विद्या रानी का उद्देश्य है तमिलनाडु के विकास और प्रगति में योगदान करना, विशेष रूप से उन वर्गों के लोगों के लिए जो सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए पिछड़े हुए हैं।
झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 12 खूंखार माओवादियों ने किया सरेंडर