इंदौर। शहर में एक अनोखा मामला सामने आया है। आज से लगभग ढाई महीने पहले संस्कृत कॉलेज के प्रोफेसर की मौत हो गई थी। डॉक्टर ने बताया था कि उनकी मौत हार्टअटैक की वजह से हुई है। महिला प्रोफेसर का उपचार ही चल रहा था कि कुछ ही घंटों बाद उनकी मौत हो गई थी। उनकी बेटी दिल्ली से इंदौर आई तब बेटी को अपने पिता पर शक हुआ। प्रोफ़ेसर की बेटी ने पुलिस को सबूत दिए की शॉर्ट पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि हुई है। बेटी की शिकायत पर पुलिस ने प्रोफेसर के पति को आत्महत्या के लिए उकसाने पर गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि बेटी का दावा यह है कि पिता ने हीं उसकी मां को जहर दिया था।
दरअसल मामला यह है कि संस्कृत कॉलेज की प्रोफेसर गोरी सोलंकी को 18 सितंबर के दिन उसके पति विजय सिंह सोलंकी गंभीर हालत में चोइथराम हॉस्पिटल लेकर गए थे। वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्टअटैक आया है। डॉक्टर ने इसी आधार पर इलाज शुरू कर दिया था इलाज के दौरान कुछ ही घंटे बाद प्रोफेसर गोरी सोलंकी की मौत हो गई। मां के मृत्यु की जानकारी मिलते ही दिल्ली में पीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही बेटी निकिता इंदौर आ गई। जब उसने अपने पिता से पूछा कि वह उसे लेने एयरपोर्ट क्यों नहीं आए तब उनके पिता ने जवाब दिया कि टायर पंचर था। इस वजह से कार में आना संभव नहीं हुआ। इस बात को लेकर निकिता को शक हुआ। उसने जांच की तो पता चला कि पिता ने कार को पूरी तरह धुलवाया है,अस्पताल ले जाते समय उसकी मां ने कार में उल्टी कर दी थी।
निकिता ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी और यह भी बताया कि उसे पिता पर शक है। निकिता के पिता अक्सर उसकी मां को परेशान किया करते थे। कुक्षी थाने में एक बार तो निकिता की माँ ने शिकायत भी दर्ज करवाई थी। जिसके बाद पुलिस ने भी जांच का दायरा बढ़ाया। निकिता के आरोपों के आधार पर जब शव का पोस्टमार्टम कराया तो शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर होने की आकांक्षा जताई गई। पुलिस अभी तक इस मामले को आत्महत्या समझ रही थी।मंगलवार को एफएसएल टीम ने विसरा की जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंपी, जिसके बाद राजेंद्र नगर पुलिस नेआत्महत्या करने को उकसाने के लिए प्रोसेसर के पति विजय सिंह सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया जाता है कि प्रोफेसर गोरी सोलंकी के पति विजय सिंह सोलंकी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी हैं। एक घोटाले के चलते फिलहाल उन्हें निलंबित कर दिया गया है। प्रोफ़ेसर की बेटी निकिता का कहना है कि जिस दिन उनकी मां की मौत हुई उस दिन वह काफी देर तक बेहोश रही थी। हॉस्पिटल भी पास ही में था परंतु उनके पिता उनकी मां को अस्पताल लेकर नहीं गए। घर पर खाना भी बनाया था लेकिन उनकी 8 और 15 साल की दोनों बहनों को खाना तक नहीं दिया।
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