भिंड: मध्य प्रदेश का चंबल एक ऐसा इलाका है जहां अगर घर में बेटी पैदा हो जाए तो मातम नजर आता था। यहाँ लोग बेटे की चाह में रहते थे और बेटियों की बलि चढ़ाने में आगे रहते थे। हालाँकि अब समय बदल गया है और लोगों की सोच भी बदल रही है। मिली जानकारी के तहत अब यहाँ बेटी के पैदा होने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है। फिलहाल जहाँ जश्न मनाया गया है वह भिंड का गाँव है जिसका नाम है मेहगांव। यहाँ रहने वाले सुशील शर्मा के घर 50 साल बाद बेटी का जन्म हुआ है।
बताया जा रहा है परिवार अपने घर बेटी के जन्म से इतना खुश है कि बेटी के घर पर आने की खुशी में फूलों की बारिश की गई है। जी हाँ, यहाँ घर में बेटी के आने पर उसके स्वागत में फूल बिछाए गए और तुलादान करवाया गया। केवल यही नहीं बल्कि लाड़ली लक्ष्मी का स्वागत करते हुए उसके पद चिह्न भी लिए गए। बताया जा रहा है यहाँ बेटी के जन्म के बाद से अब तक जश्न का माहौल रहा। खबरों के अनुसार मेहगांव में रहने वाले सुशील शर्मा और रागिनी शर्मा के घर 16 सितंबर को बेटी का जन्म हुआ था। सुशील शर्मा के घर इसके पहले उनकी बुआ का जन्म हुआ था और इसके बाद उनकी कोई बहन नहीं थी।
ऐसे में सुशील को हमेशा मन ही मन बहन की कमी महसूस करते थे। बताया जा रहा है सुशील की बेटी का जन्म ग्वालियर के प्राइवेट अस्पताल में हुआ था। बताया जा रहा है सुशील शर्मा ने अपनी बेटी के स्वागत के लिए कैंप के सदस्यों से संपर्क किया और उनको अपने यहां आमंत्रित किया। करीब 3 घंटे की तैयारी और लाडली को गाजे बाजे के साथ गृह प्रवेश कराया।
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