नई दिल्ली: सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के सम्मेलन को संबोधित करेगें. पीएम का यह संबोधन भारतीय समय के मुताबिक रात लगभग साढ़े आठ बजे होगा. स्विट्जरलैंड के बहुत खूबसूरत शहर दावोस में प्रत्येक वर्ष यह सम्मेलन आयोजित किया जाता है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण निरंतर दूसरी बार इसे वर्चुअल मोड में करना पड़ रहा है.
वही इस बार दावोस सम्मेलन का टॉपिक ‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड’ है. 17-21 जनवरी तक चलने वाले इस विशेष सम्मेलन में पीएम मोदी के अतिरिक्त चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के पीएम किशिदा फूमियो, आस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन सहित कई वैश्विक नेता अपना विचार रखेगें. विश्व के सभी राष्ट्राध्यक्षों की हिस्सेदारी वाले सम्मेलन के रूप में यह इस वर्ष का प्रथम बड़ा आयोजन भी होगा.
वही पीएम नरेंद्र मोदी दावोस के वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (WEF) में प्रथम बार वर्ष 2018 में भाग लेने गए थे. 20 वर्ष पश्चात् तब किसी भारतीय पीएम का यह दौरा हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी से पहले तत्कालीन पीएम एच.डी. देवगौडा ने WEF को संबोधित किया था. बीते वर्ष जब कोरोना संक्रमण के कारण दावोस शिखर सम्मेलन को प्रथम बार वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया था, तब पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को इसे संबोधित किया था. वही कोरोना की दूसरी लहर में जब भारत में स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी. पीएम नरेद्र मोदी के दावोस में दिए भाषण के एक हिस्से को लेकर खूब चर्चाएं हुईं थीं. दरअसल पीएम ने अपने भाषण में बोला था, ‘दुनिया के कई नामी एक्सपर्ट तथा बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने क्या-क्या कहा था, भविष्यवाणी की गई थी कि पुरे विश्व में कोरोना से सबसे प्रभावित देश भारत होगा. बोला गया था कि भारत में कोरोना वायरस की सुनामी आएगी. किसी ने 700-800 मिलियन लोगों को कोरोना होने की बात कही तो किसी ने दो मिलियन से अधिक लोगों की मौत होने का अनुमान व्यक्त किया. आज भारत उन देशों में से है जो कोरोना से अधिक से अधिक व्यक्तियों की जान बचाने में कामयाब रहा.’
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