नई दिल्ली। दिल्ली राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से डीडीसीए मानहानि के मामले में लोकप्रिय वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजेठमलानी ने जिरह की। दरअसल सीएम केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने मानहानि का वाद दायर किया हुआ है। ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले में सुनवाई हुई जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी और केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के बीच जिरह हुई।
हालांकि यह जिरह अधूरी ही रही। अब न्यायालय ने दोनों को 15 मई व 17 मई का समय दिया है। गौरतलब है कि इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सीएम केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने मांग की है कि निचली अदालतों द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है उस पर रोक लगाई जाए। उल्लेखनीय है कि सीएम केजरीवाल की वह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1 मार्च को नकार दी थी जिसमें केंद्रीय मंत्री जेटली व उनके परिजन के बैंक खाते की डिटेल मांगी गई थी।
इस मामले में जब पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के पत्र का हवाला देकर केंद्रीय मंत्री जेटली से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि यह पत्र 2015 का था जबकि मैंने डीडीसीए के अध्यक्ष पद को वर्ष 2013 में ही छोड़ दिया था। उनका कहना था कि पत्र में गलत बात कही गई है। मेरे कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ था जैसा कि पत्र में उल्लिखित किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गलत आरोप लगाए हैं।
उन्होंने जो आरोप लगाया है कि मेरी पत्नी और बेटी फर्जी कंपनियों से जुड़ी हैं यह भी गलत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 205 में जो छापा सीबीआई द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री के कार्यालय में मारा गया था वह डीडीसीए कि किसी कथित फाईल को हटाने के लिए मारा गया था यह गलत आरोप लगाए गए हैं। इस तरह की मंशा से काम नहीं किया गया। उन्हें इस कार्रवाई को लेकर पहले से कोई जानकारी नहीं थी। सीएम केजरीवाल के दावों को उन्होंने गलत बताया।
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