आपने आसमान में पक्षियों के झुंड को उड़ते हुए देखा होगा लेकिन क्या आपने मृत पक्षियों को उड़ते हुए देखा है? लेकिन ऐसा संभव हो सका है। यह मृत विज्ञान कल्पना नहीं है। अमेरिका के न्यू मैक्सिको शहर में कुछ वैज्ञानिकों एवं टेक्नीशियनों ने मृत पक्षियों के शरीर का उपयोग उन्हें 'फ्लैपिंग विंग ड्रोन' में परिवर्तित किया जा रहा है। इस काम में मृत जानवरों की खाल निकालने के लिए विज्ञान के विशेषज्ञ एवं कुछ शोधकर्ताओं की भी सहायता ली गई है। तैयार होने के बाद ड्रोन न सिर्फ एक पक्षी की भांति नजर आता है। बल्कि पक्षियों के समूह की उड़ने की शैली भी असली पक्षियों की भांति होती है।
परिणामस्वरूप वे पक्षियों के झुंड में सरलता से घुल मिल सकते हैं। 'फ्लैपिंग विंग ड्रोन' को बनाने वालों में से एक मुस्तफा हस्नालियन ने कहा, "इस प्रकार के ड्रोन का इस्तेमाल भविष्य में वन्यजीव पर निगरानी करने एवं रिसर्च के नए क्षेत्रों तक पहुंच बनाने में सरलता होगी।" पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर मुस्तफा ने कहा, "इस डिवाइस की सहायता से प्रवासी पक्षियों की आवाजाही का पूर्ण रूप से निरीक्षण और उनके तस्वीरें लेना संभव हो पाएगा।"
प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार के ड्रोन में एक मात्र दोष यह है कि वह एक वक़्त में 20 मिनट से ज्यादा वक़्त तक उड़ान नहीं भर सकते। रिसर्च करने वालों का कहना है टेक्नोलॉजी की नजर से इस सिलसिले में और ज्यादा शोध की जरुरत है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस यांत्रिक पक्षी का इस्तेमाल न सिर्फ प्राणीशास्त्र में, बल्कि रक्षा में विशेष तौर पर जासूसी में भी किया जा सकता है। हाल फिलहाल में जैसा कि बॉलीवुड फिल्म 'उरी' में देखा गया है।
मानवता और सद्भावना में दुनिया को बदलने की ताकत है !!