नई दिल्ली: भारत रत्न और देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की आज द्वितीय पुण्यतिथि है। 2018 में आज के ही दिन यानी 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांस ली थी। उनके देहांत की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। वह भारतीय सियासत के उन चंद नेताओं में से हैं जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे और उन्हें हमेशा ही तमाम सियासी दलों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला। यहां तक कि जम्मू-कश्मीर में भी वह सबसे लोकप्रिय नेता रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि शादी से संबंधित सवाल अटल जी से कम पूछा गया। किन्तु जब भी पूछा जाता वह कभी परेशान नहीं होते थे, बल्कि बड़े ही शांत और संयमित तरीके से इन बातों का जवाब देते थे। कई दफा तो वो कहते कि, ‘व्यस्तता के चलते ऐसा नहीं हो पाया।’ बाद में ये कहकर मुस्कुरा देते थे। उनके करीबी लोग तो ये भी कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के लिए आजीवन अविवाहित रहने का फैसला लिया था।
हालांकि, अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था, लेकिन उनका पैतृक गांव यूपी के बटेश्वर में था। ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उनका पूरा जीवन राजनीति, कविता और सादगी के बीच बीता। हालांकि लोगों के जेहन में ये सवाल आता है कि उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं की, जिसका सही-सही जवाब और ठोस वजह किसी को नहीं पता। हालांकि इस संबंध में वह खुद सदन में विपक्ष के हमलों के बीच अपने अविवाहित होने के संबंध में बड़ी ही साफगोई के साथ ये बता चुके हैं, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।’
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