कोरोना वायरस के दौरान जहां देखो इस संक्रमण की बात है या फिर इससे होने वाली मौतों की. हम सुबह उठते हैं तो सबसे पहले कोरोना मीटर देखते हैं और दिन भर इस महामारी से जुड़ी खबरों पर नजर गड़ाए रखते हैं. कोरोना के कारण हमारे मन में डर घर कर गया है, लेकिन दुनिया में इससे कहीं बड़े संकट हैं. ऐसे में हमें कोरोना के साथ सतर्क जंग लड़नी ही होगी. इसके साथ जीवन का संघर्ष जारी रखना होगा. कोरोना के कारण 11 मार्च से 15 मई तक दुनिया में दैनिक मौतों का औसत 4,517 है. 2017 के आंकड़ों पर आधारित हालिया एक शोध के मुताबिक दुनिया में हर दिन करीब डेढ लाख मौतें होती हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कई बीमारियां हैं, जिनसे होने वाली मौतों की संख्या कोरोना से होने वाली मौतों से कहीं अधिक है. यह इस बात का प्रतीक है कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा और दूसरी बातों की ओर भी ध्यान देना होगा. हालांकि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश भारत कोरोना से इतर वजहों से मौतों के मामले में भी दूसरे स्थान पर है. यहां रोजाना करीब 25 हजार लोगों की मौत होती है, जबकि चीन में यह आंकड़ा लगभग 28 हजार है.
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इसके अलावा दुनिया में सर्वाधिक मौतों का कारण बीमारियां हैं. मौत के 32 कारणों में से पहले से दसवें स्थान तक सिर्फ बीमारियां काबिज हैं. मौतों के सबसे बड़े तीन कारणों में हृदय संबंधी रोग, कैंसर और श्वसन संबंधी बीमारियां हैं. दुनिया में औसतन रोजाना होने वाली मौतों में से आधी मौतें तीनों बीमारियों के कारण होती हैं. इनमें भी सर्वाधिक योगदान हृदय रोगों का होता है. जिससे रोजाना औसतन 48 हजार से ज्यादा लोग मारे जाते हैं.
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