भारत के राज्य पंजाब में शराब के ठेके खोले जाने को लेकर आबकारी नीति में किया जाने वाला परिवर्तन आज नहीं हो पाया है. सरकार की ओर से बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में चले मंथन के बावजूद कोई हल नहीं निकल सका. शराब कारोबारियों की मांगों के चलते इस मामले में पेंच फंस गया है.
सत्ताधारी पार्टी पर विपक्ष का बड़ा हमला, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दर्ज कराया विरोध
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कोरोना के चलते ठेके खोले जाने में एक माह का जो विलंब हुआ है. उसको लेकर शराब कारोबारियों ने सरकार से नियमों में ढील देने की मांग रखी है. इसके अलावा कारोबारियों की तरफ से दी जाने वाली फीस में भी छूट की मांग की गई है. सभी मुद्दों को देखते हुए सरकार ने आज दोबारा कैबिनेट की बैठक बुलाई है. संभावना है कि आज कोई बीच का रास्ता निकालते हुए आबकारी नीति में परिवर्तन किया जाए.
इस नेता ने भाजपा को बताया पूंजीवादियों का हितैषी, मजदूरों को लेकर लगाया गंभीर आरोप
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में संकट की इस घड़ी से उबरने के लिए आबकारी नीति और श्रम कानूनों में परिवर्तन को लेकर चर्चा की गई. सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आबकारी विभाग को मौजूदा नीति को जांचने के आदेश दिए गए हैं. मौजूदा स्थिति का आंकलन करते हुए मंत्रिमंडल ने यह महसूस किया कि राज्य के आबकारी उद्योग को फिर पांव पर खड़ा करने, विशेषकर राजस्व के मॉडल को महत्ता देने के लिए सभी संभव संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए.
कोरोना फैलने के बाद भी वेट मार्केट बंद करने के पक्ष में नहीं है WHO, कही ये बात
किसान रहे सतर्क, सरहदी इलाकों से भारत में घूस सकता है यह जीव
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी को लिखा खत, जानें क्या है मांग