नई दिल्लीः केंद्र सरकार भारतीय वायुसेना को ताकतवर बनाने में लगी हुई है। सरकार वायुसेना को अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस कर रही है। बालाकोट ऑपरेशन के बाद सरकार ने इस ओर अपना ध्यान बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में सरकार 83 तेजस लड़ाकू विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल करने जा रही है। रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक (खरीद) अपूर्व चंद्र ने बताया कि सरकार 83 तेजस लड़ाकू विमान खरीदेने जा रही है।
इसके कीमत को अंतिम रूप दे दिया गया है। अपूर्व चंद्र ने कहा कि हवाई क्षेत्र की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाए जाने वाले इन विमानों की कीमत संबंधी करार पर अगले कुछ महीनों में हस्ताक्षर किए जाएंगे। एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करने के बाद चंद ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए ‘आकाश’, सतह से हवा में मार करने वाली अतिरिक्त मिसाइलों की खरीद को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते मंजूरी दे दी थी और इस संबंध में करार पर अगले सात दिनों के भीतर हस्ताक्षर होंगे।
महानिदेशक चंद्रा ने बताया कि, 'एलसीए की कीमत, जिस पर कीमत निर्धारित करने वाली समिति चर्चा कर रही थी, उसे रक्षा उत्पादन के सचिव द्वारा दो दिन पहले बुलाई गई बैठक में अंतिम रूप दिया गया। समर्थन पैकेज की कीमत को भी एक-दो महीने के भीतर तय कर लिया जाना चाहिए। इस प्रकार से हम तीन से चार महीने के भीतर विमान के लिए करार पर हस्ताक्षर करने की स्थिति में होंगे।' दरअसल वायुसेना प्रमुख भारतीय लड़ाकू विमान के बेड़े में करीब 50 साल पूराने विमानों को उड़ाने के लेकर तंज कस चुके हैं।
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