भारतीय टीम को अगले साल जनवरी में साऊथ अफ्रीका के दौरे पर जाना है. अभी श्रीलंका के खिलाफ मैचों में भारतीय खिलाड़ी खुद को अगले दौरे के लिए भी तैयार कर रहे है. लेकिन भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैचों में तेज और उछाल भरी पिच नहीं मिल पा रही है. टीम प्रबंधन ने इसके लिए क्यूरेटरों से मांग की थी, लेकिन नागपुर और फिरोजशाह कोटला मैदान पर सही पिच तैयार नहीं हो पायी. भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ ने इस मामले में क्यूरेटरों का समर्थन किया और कहा कि भारत में अगल-अगल पिचों को एक जैसा तैयार करना संभव नहीं है.
भारत-श्रीलंका के बीच नागपुर में दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म के बाद बांगड़ ने पत्रकारों को बताया कि ''भारत विविधता वाला देश है, जिससे पिच का मिजाज एक जैसा नहीं हो सकता. क्षेत्र दर क्षेत्र विकेट की प्रवृति अलग होती है. हम घास की मौजूदगी वाली तेजी और उछाल से भरी पिच चाहते थे. क्यूरेटर सिर्फ इतना ही कर सकते हैं क्योंकि यह सब मिट्टी की प्रकृति पर निर्भर करता है.''
बांगड़ ने कहा कि ''आप उम्मीद नहीं कर सकते कि मुंबई का विकेट दिल्ली के विकेट की तरह खेले और कोलकाता का विकेट नागपुर के विकेट की तरह. यह क्रिकेट की खूबसूरती है. आप कुछ चीज चाहते हैं लेकिन क्यूरेटर आपको ठीक वही चीज नहीं दे सकता.''