श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक बीएसएफ कैंप पर मंगलवार सुबह हुए आतंकी हमले को लेकर रक्षा विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि आखिर चार स्तरों की सुरक्षा वाले इतने संवेदनशील इलाके में स्थित बीएसएफ कैंप में घुसने में आतंकवादी कैसे कामयाब हुए?
आतंकवादियों ने सुबह करीब चार बजे, कड़ी सुरक्षा वाले श्रीनगर एयरपोर्ट के ठीक बाहर स्थित बीएसएफ के 182वीं बटालियन कैंप पर आत्मघाती हमला किया. फिर वह कैंप के परिसर की एक इमारत में जाकर छिप गए. इस बटालियन पर श्रीनगर हवाईअड्डे के रनवे की सुरक्षा का जिम्मा है. यह बीएसएफ कैंप एयरफोर्स स्टेशन और श्रीनगर हवाई अड्डे के निकट है और इसे गो-गो लैंड के नाम से जाना जाता है. इस बटालियन कैंप के नजदीक वायुसेना द्वारा परिचालित पुराना श्रीनगर वायु क्षेत्र है इलाके में बीएसएफ और सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र भी हैं. इस हाई सिक्यॉरिटी जोन में आतंकवादी सुरक्षा घेरों को भेदते हुए अंदर कैसे घुस गए ये सवाल उठना जायज़ हैं ?
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले के मद्देनजर दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग की। उधर खुद गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने सिक्योरिटी की 'चूक' को स्वीकार करते हुए कहा कि आतंकियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.