राजधानी दून और आसपास के क्षेत्रों में बीते 24 घंटों के दौरान रुक-रुककर वर्षा होती रही। वहीं देहरादून सहित राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में शुक्रवार को भी मौसम खराब बना हुआ है। यमुनोत्री हाईवे अभी भी बंद रखा गया है। वहीं बदरीनाथ हाईवे भी लामबगड़, कंचन गंगा और रडांग बैंड में बंद है। पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले में रात भर मूसलाधार बारिश के उपरांत अभी वर्षा का क्रम रुका है। देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में सुबह से रुक-रुक कर वर्षा हो रही है।
टनकपुर में शारदा के उफान में आने से सात मजदूर फास चुके है। जिन्हें पुलिस व प्रशासन ने रेस्क्यू कर किया जा चुका है। मलबा आने से टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे भी बंद हो गया है। बीते 10 सालों के बीच मई माह में 24 घंटों में कभी इतनी अधिक वर्षा नहीं हुई। यह मई माह में आज तक के ओवरऑल रिकॉर्ड से कुछ मिमी ही कम रही। बुधवार शाम से गुरुवार शाम तक राजधानी क्षेत्र में वर्षा होती रही। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार शाम साढ़े पांच से गुरुवार शाम साढ़े 5 बजे के दौरान कुल 73 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
ताउते तूफान के असर से इनकार: जंहा इस बात का पता चला है कि बुधवार रात को अधिक वर्षा हुई। हालांकि गुरुवार को भी कई दौर की वर्षा दर्ज हुई। शाम साढ़े पांच बजे से सुबह साढ़े आठ बजे तक 42.1 मिमी बारिश हुई। वहीं, सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे के बीच 31 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। पिछले दस वर्षों के दौरान मई माह में 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा बारिश 27 मई 2011 को हुई, जब 24 घंटों के दौरान 39.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
वहीं, 13 मई 017 को 36.3 मिमी वर्षा हुई थी। आज तक मई माह में 24 घंटों के बीच सबसे अधिक वर्षा 28 मई 1940 को हुई थी। तब दून में 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 79.3 मिमी वर्षा हुई थी। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक मई माह में दून और आसपास के इलाकों में वर्षा कम ही रहती है। ताउते तूफान के असर से उन्होंने इनकार किया। उन्होंने बोला कि सामान्य तौर पर दून में इस मौसम में वर्षा कम होती है, लेकिन बीच-बीच में मौसम में परिवर्तन होता रहता है।
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