दुनिया की हर महिला को पीरियड्स होते हैं और यह एक निश्चित समय पर होते हैं। हर महीने में पीरियड्स की डेट मेंस्ट्रुअल साइकिल पर डिपेंड करती है हालाँकि कभी-कभी पीरियड्स मिस हो जाते हैं या फिर समय पर नहीं आते तो सबसे पहला ख्याल प्रेगनेंसी की ओर जाता है। हालाँकि वह महिलाएं क्या करें, जिन्हें हाल फिलहाल में प्रेगनेंसी के कोई चांसेस ही नहीं होते? हालाँकि ऐसे में पीरियड्स के लेट होने की वजहें पीसीओएस या फिर पीसीओडी हो सकता है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा भी कई और वजहें पीरियड्स लेट होने का कारण बन सकती हैं। आज हम आपको इन्ही वजहों के बारे में बताने जा रहे हैं।
स्ट्रेस लेना- शरीर में जब स्ट्रेस का लेवल बढ़ जाता है तो हार्मोंस का लेवल अपने आप बिगड़ जाता है। जी हाँ, यही वजह है कि स्ट्रेस के कारण पीरियड्स लेट हो सकते हैं। जो महिलाएं ज्यादा स्ट्रेस लेती हैं उन्हें ज्यादा दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है।
वजन कम होना- जरूरत से ज्यादा या फिर अचानक से वजन कम होने की वजह से पीरियड्स में लेट हो सकते हैं। जी हाँ और इस वजह से जरूरी हार्मोंस का उत्पादन बंद हो जाता है और पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं।
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वजन बढ़ जाना- वजन बढ़ने से भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। जी दरअसल वजन बढ़ने से शरीर में एस्ट्रोजन काफी ज्यादा प्रभावित होने लगता है और जिस वजह से पीरियड्स भी स्किप होने लगते हैं।
प्रीमेनोपॉज- मेनोपॉज ज्यादातर 50-52 साल की उम्र होता है हालाँकि कई महिलाएं मेनोपॉज से 10 से 15 साल पहले ही संकेतो को महसूस कर सकती हैं। इसको प्रीमेनोपॉज कहा जाता है। इससे एस्ट्रोजन के लेवल में उतार चढ़ाव होने लगता है जिससे पीरियड्स लेट होने लगते हैं।
बर्थ कंट्रोल टेबलेट्स- काफी महिलाएं बर्थ कंट्रोल यानि की गर्भ निरोधक टेबलेट्स का सेवन करती हैं। इस वजह से पीरियड्स लेट हो जाते हैं या मिस हो जाते हैं।
एनीमिया और आयरन की कमी- महिलाओं में एनीमिया और आयरन की कमी की वजह से पीरियड्स लेट हो सकते हैं। जी हाँ और अगर किसी महिला में आयरन की कमी है तो इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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