दिेल्ली में एक बार फिर से एक नाबालिक बेटी दरिदों के हवस का सिकार हो गई। उत्तरपश्चिम दिल्ली के अशोक विहार क्षेत्र में मानसिक रूप से पीड़ित 15 साल की एक नाबालिक लड़की का एक ट्रांसजेंडर सहित दो लोगों ने मिलकर सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कल शाम लड़की को उठा कर ले गये जब वह अपने घर के बाहर सो रही थी और फिर मिल कर उसका गैंग रेप किया गया।
पुलिस ने बताया कि जब लड़की घर पर नजर नहीं आई तो लड़की की मां ने आस-पास के इलाके में ढुढ़ना शुरू की और जब किन्नर के घर पहुंची तो देखा की उनकी बेटी वही पड़ी मिली। उन्होंने बताया कि घर में ट्रांसजेंडर का पुरूष सहयोगी तारा चंद भी मौजूद था। पुलिस उपायुक्त मिलिंद महादेव डुमबेरे ने कहा कि अशोक विहार थाने में बाल यौन अपराध संरक्षण कानून और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। और लड़की की मेडिकल जांच के बाद उसे काउंसेलिंग के लिये भेजा गया है।
यदि मानव में मानवता नहीं तो वह वो पशु तुल्य है क्योंकि जो व्यक्ति एक बेटी की रक्षा ना कर सके वो जीवित होकर भी मृत्यु के तुल्य है। आखिर कब जागेगी मानवता, कब होगीं हमारे देश की हर बेटी सुरक्षित, सवाल तो बहुत है लेकिन किसी के पास इसका जवाब नही। पर क्यों नही बढ़ रहे कदम हमारे। जब भी देश में रेंप जैसे केस सामने आता है कुछ दिनों तक तो प्रशासन इस पर मुकदमा चलाती है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर चुप हो कर बैठ जाती हैं। और दूसरी घटना के होने का इंतजार करती हैं और जब घटना हो जाती है तो एक जवाब... हम कार्यवाही कर रहे हैं आपराधियों को सख्त सजा दी जायेगीं।
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