नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दो हफ्ते से वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. इसके लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं लेकिन कोई भी इसे रोक नहीं पा रहा है. इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक साल 2016 में भारत में 5 साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की मौत जहरीली हवा के प्रभाव में आने के कारण हुई है.
दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण से सांस लेना मुश्किल, आॅक्सीजन के लिए खास पौधों का सहारा
डब्ल्यूएचओ ने जो रिपोर्ट जारी की है उसका नाम ‘एयर पॉल्यूशन एंड चाइल्ड हेल्थ : प्रिस्क्राइबिंग क्लीन एयर’ है. इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के करीब 98 फीसदी बच्चे जबकि उच्च आय वर्ग के देशों में 52 फीसदी बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों के सामान्य से ऊपर के स्तर पर पीएम 2.5 का सामना कर रहे हैं.
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इसके बाद उच्चतर न्यायलय में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदुषण की इस गंभीर स्थिति को 'बहुत ही चिन्ताजनक' बताया और ये निर्देश दिया कि 'पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने वाहन की सूची केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जल्द से जल्द प्रकाशित की जाए.
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