हरियाणा: हाल ही में हुए चुनाव के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों का संदेश कांग्रेस पार्टी को उत्साहित कर गया है. खबर है कि बेहतर परिणाम लाने के लिए दिल्ली कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी वाड्रा ने स्वयं अपने हाथों में कर ली है. वही पार्टी नेताओं के साथ लगातार बैठकें की जा रही है. और आगे की रणनीति बना रही थे. वही उनके नेतृत्व में पार्टी जल्दी ही सड़कों पर उतरने की वाली है. आंदोलन में लोगों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए जा सकते. और जिसके द्वारा लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने की बैठक वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी ने मंगलवार शाम को भी दिल्ली के नेताओं के साथ बैठक की है. इस बैठक में उनके अलावा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी और अन्य नेता सम्मलित है. वही इस बैठक में प्रियंका गांधी ने पार्टी का वोटबैंक वापस लाने के लिए गहन रणनीति पर चर्चा की जा रही है. वही बैठक में प्रदूषण के मुद्दे पर एक प्रदर्शन की भी योजना बनाई जा रही है. योजना के मुताबिक पार्टी लोगों को कांग्रेस के किए कामों के विषय में जानकारी मिलेगी. खत्म की नेताओं की गुटबाजी मिली पार्टी के एक शीर्ष नेता के मुताबिक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस भी आपसी गुटबाजी का शिकार था.
कई शीर्ष नेता अपने-अपने हितों के लिए आपस में टकरा रहे थे. आपसी गुटबाजी की भारी कीमत कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में उठा चुकी है. यही वजह है कि प्रियंका गांधी ने सबसे पहले प्रदेश से गुटबाजी खत्म करने को ही अपना लक्ष्य मान लिया. मिली जानकारी के अनुसार सुभाष चोपड़ा को प्रदेश की कमान देने के पीछे भी यही सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि सुभाष चोपड़ा के अध्यक्ष बनने के कारण संदीप दीक्षित के साथ-साथ अजय माकन खेमा भी पार्टी के साथ जुड़ गया है जो आपस में तलवारें को खींचे जा चुके है.
अमेरिका ने दिया पेरिस को नोटिस, जलवायु समझौते से हो जाएगा अलग
Mi Super Sale: इन स्मार्टफोन को त्यौहारी सीजन के बाद भी बहुत कम कीमत में खरीदने का मौका
Tata Tiago और Renault Kwid को कड़ी टक्कर दे रही है, Maruti Suzuki की यह कार