नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मंत्रियों को राजधानी के स्कूलों और शिक्षा मॉडल और उन राज्यों के स्कूलों और शिक्षा मॉडल पर चुनौती देने के मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. दिल्ली भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने दिल्ली सरकार के दावे को पूरी तरह से निराधार बताया है. साथ ही दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम को बहस की चुनौती भी दे दी है.
दिल्ली भाजपा की ओर से कहा गया है कि जब केजरीवाल सरकार सत्ता में आई थी, तब 1024 सरकारी स्कूल थे और 6 नए बन रहे थे, यानी कुल 1030 थे और आज की तारीख में भी 1030 ही हैं. यानी कि 6 वर्ष में एक भी नया विद्यालय नहीं बनाया. ये दावा दिल्ली भाजपा ने RTI के हवाले से किया है. दिल्ली भाजपा ने दावा करते हुए कहा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 66,578 शिक्षक की पोस्ट सैंक्शन हैं जबकि महज़ 57,556 शिक्षक ही कार्यरत हैं. वहीं 1030 सरकारी स्कूलों में लगभग 300 ( करीब 30 फीसद) स्कूलों में ही 11वीं और 12वीं में विज्ञान की पढ़ाई होती है.
दिल्ली के स्कूलों की हालत पर सवाल खड़े करते हुए दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि अगर 5 सरकारी स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के स्कूलों की क्या स्थिति है ये बताएं. उन 5 स्कूलों के अलावा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस क्यों नहीं बनाए गए.
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