नई दिल्ली : केंद्र सरकार कई सरकारी कामकाज में आधार कार्ड को लागू कर चुकी है. इसी तर्ज पर दिल्ली के एम्स अस्पताल ने भी अपने यहां आने वाले मरीजों को आधार कार्ड के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए यहां लगने वाला 10 रूपए पंजीकरण शुल्क जल्द ही समाप्त करने का निर्णय लिया है. लेकिन बिना आधार कार्ड वाले मरीजों को अब 100 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा जो मौजूदा शुल्क का 10 गुना है.
इस बारे में एम्स के कंप्यूटरीकरण विभाग के चेयरमैन डाक्टर दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह व्यवस्था जनवरी से लागू होने की संभावना है. इसका उद्देश्य मरीजों का डाटाबेस ठीक करना है, अन्यथा यह अस्तव्यस्त हो जाता है, क्योंकि कई मरीज अपने दस्तावेज और ओपीडी कार्ड गुमा देते हैं. फ़िलहाल एक मरीज को पंजीकरण के 10 रुपए देने पड़ते है, जिसके बाद उसे एक विशेष स्वास्थ्य पहचान (यूएचआईडी) संख्या दी जाती है.
अग्रवाल ने आगे और जानकारी देते हुए बताया कि अभी एक ही मरीज के लिए कई यूएचआईडी बना दी जाती है, क्योंकि वह अपने दस्तावेज और कार्ड गुम कर देता है. पूरी संभावना है कि अगले महीने से उन मरीजों के लिए पंजीकरण नि:शुल्क कर दिया जाएगा जो अपने आधार नंबर उपलब्ध कराते हैं.लेकिन जो आधार कार्ड उपलब्ध नहीं करा सकते, उन्हें पंजीकरण के लिए 100 रपये का भुगतान करना होगा.बता दें कि एम्स केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर आधार नंबर को यूएचआईडी नंबर से संबद्ध करने के संबंध में अधिसूचना जारी करने का पहले ही अनुरोध कर चुका है.