सीबीआइ ने बुधवार को पोंजी स्कीम और मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले की जांच के सिलसिले में आरोपितों के बंगाल स्थित 16 विभिन्न परिसरों और तेलंगाना में हैदराबाद स्थित एक परिसर पर छापेमारी की. सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक, 26 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मैसर्स अशोक ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशकों और निदेशकों के खिलाफ आइपीसी की धारा- 420, 406, 409 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसी सिलसिले में उनके बंगाल और तेलंगाना स्थित 16 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे गए. आरोप लगाया गया था कि आरोपितों ने उच्च ब्याज दर का प्रलोभन देकर लोगों से 20 करोड़ रुपये की जमाएं एकत्रित की थीं. जमाओं की निर्धारित अवधि पूरी होने पर आरोपितों ने भुगतान नहीं किया और निवेश की गई पूरी रकम का गबन कर लिया.
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इस छापेमारी को लेकर सीबीआइ अधिकारियों ने कहा कि ग्रुप की कंपनियां लोगों से जमा एकत्रित करने के लिए अधिकृत नहीं थीं और बहुत ज्यादा ब्याज का प्रलोभन देकर उन्होंने लोगों के साथ धोखाधड़ी की. आरोपितों ने कथित रूप से मनी सर्कुलेशन स्कीमों का संचालन भी किया और पुराने जमाकर्ताओं को कुछ धनराशि लौटाई ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश करें और वे उन्हें ठग सकें.मल्टी लेवल मार्केटिंग और पोंजी स्कीम से जुड़े एक अन्य मामले में सीबीआइ ने एक निजी कंपनी के निदेशकों-प्रमोटरों के बंगाल और कर्नाटक स्थित छह परिसरों पर छापेमारी की.
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