देशभर में पिछले आधा दशक से विजय रथ पर सवार भाजपा अब दिल्ली फतह पर निकल पड़ी है. लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य पाने के लिए पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन मंत्रियों को मैदान में उतारा है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है, जबकि केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सह प्रभारी की जिम्मेदारी संभालेंगे. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
जम्मू कश्मीर पर बोले रामदास अठावले, कहा- PoK भी भारत के हवाले कर दे पाक, क्योंकि अगर युद्ध...
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन नियुक्तियों में अनुभव व चुनावी समीकरण का ध्यान रखा गया है. इधर प्रदेश संगठन के कार्यकर्ता फरवरी के बजाय हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखंड के साथ ही दिल्ली में भी अक्टूबर या नवंबर में चुनाव कराए जाने के कयास लगा रहे हैं.प्रकाश जावड़ेकर के पास लंबा संगठनात्मक अनुभव है. वह राजस्थान में विधानसभा व लोकसभा चुनाव के प्रभारी रह चुके हैं। इससे पहले वह कर्नाटक के प्रभारी थे. दिल्ली की सियासत में उन्हें पहली बार कोई जिम्मेदारी मिली है. भाजपा नेता व कार्यकर्ता इसे संगठन के लिए फायदेमंद मानते हैं. उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली की सियासत में सीधे तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं होने की वजह से वह पार्टी में गुटबाजी को रोकने में सफल रहेंगे.
सोनिया ने छोड़ी CWC की बैठक, फिर जो कहा उससे लगा सबको झटका
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हरदीप सिंह पुरी को सह प्रभारी बनाकर पार्टी ने आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार की चुनावी राह मुश्किल करने की कोशिश की है. वह सीलिंग, अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने व मेट्रो जैसे दिल्ली के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों से सीधे जुड़े रहने के साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी मुखर रहे हैं. पुरी ने समय-समय पर न सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री के आरोपों का जोरदार ढंग से जवाब दिया है, बल्कि दिल्ली सरकार को कई मौकों पर असहज करने से पीछे नहीं रहे हैं.
सियासत में उतरेंगे टेनिस के ये दो दिग्गज खिलाड़ी