दिल्ली CM को कोर्ट से फिर लगा झटका, शराब घोटाले में 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए केजरीवाल
दिल्ली CM को कोर्ट से फिर लगा झटका, शराब घोटाले में 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए केजरीवाल
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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली और कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब केजरीवाल को 12 जुलाई तक जेल में ही रहना होगा, यदि उन्हें किसी ऊपरी अदालत से जमानत मिलती है, तो वे जेल से बाहर आ सकते हैं, लेकिन हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिकाएं कई बार ख़ारिज हो चुकी हैं। 

इस मामले में केजरीवाल को 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था। उस वक़्त केजरीवाल पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में थे। बता दें कि, CBI ने मनीष सिसोदिया और भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कविता समेत 17 आरोपियों के खिलाफ मामले में चार आरोपपत्र दाखिल किए हैं। केजरीवाल का नाम अभी तक किसी भी अभियोग में नहीं है। उनका दावा है कि AAP को रिश्वत के रूप में मिले 100 करोड़ रुपये में से 44.45 करोड़ रुपये चुनाव प्रचार के लिए हवाला चैनलों के जरिए जून 2021 से जनवरी 2022 के दौरान गोवा भेजे गए थे।

शनिवार को सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि मामले की जांच 2022 से चल रही है। चौधरी ने अदालत को बताया, केजरीवाल को मार्च 2024 में गिरफ़्तार किया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए अंतरिम ज़मानत दी थी। सुनवाई की पिछली तारीख़ पर, उन्होंने (CBI) कहा था कि उन्होंने जनवरी में सबूत एकत्र किए थे, उन्होंने कहा कि उन्होंने अप्रैल में मंजूरी प्राप्त कर ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मुझे पहले गिरफ़्तार नहीं किया क्योंकि वे सुप्रीम कोर्ट के दायरे से बाहर नहीं जाना चाहते थे।

चौधरी ने अदालत  से कहा कि, उन्होंने (सीबीआई ने) सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भी बयान दिया है कि वे 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे। मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि कृपया आईओ (जांच अधिकारी) से कहें कि वे जो कुछ भी कह रहे हैं, माननीय न्यायाधीश उन पर शिकंजा कसें। 

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