दिल्ली के मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ीं, शराब घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ CBI की चार्जशीट

दिल्ली के मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ीं, शराब घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ CBI की चार्जशीट
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब घोटाला मामले में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें उन्हें आपराधिक साजिश के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक बताया गया। CBI ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) को इस मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। 

26 जून को केजरीवाल को गिरफ़्तार करने वाली CBI ने मुख्यमंत्री की रिमांड मांगते हुए उन्हें नीति से जुड़े अपराधों के लिए आपराधिक साज़िश रचने वालों में से एक बताया। जांच एजेंसी की चार्जशीट के अनुसार, "यह पता चला है कि केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर (AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी) मार्च 2021 से विभिन्न शराब निर्माताओं और व्यापारियों से संपर्क कर रहे थे और आगामी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में उनके अनुकूल प्रावधानों को शामिल करने के लिए अनुचित रिश्वत की मांग कर रहे थे।"

अप्रैल 2023 में केजरीवाल से इस मामले में पहली बार पूछताछ करने वाली केंद्रीय एजेंसी ने अब तक केजरीवाल के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया और भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता सहित 18 आरोपियों के खिलाफ मामले में पांच चार्जशीट दाखिल की हैं। पिछली चार्जशीट में CBI ने बताया था कि AAP को रिश्वत के रूप में मिले 100 करोड़ में से 44.45 करोड़ चुनाव प्रचार के लिए “हवाला चैनलों” के जरिए जून 2021 से जनवरी 2022 तक गोवा में भेजे गए थे।

CBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि नई शराब नीति 20 और 21 मई, 2021 को तैयार की गई थी, और दिल्ली सरकार में मंत्रिपरिषद ने कोविड-19 महामारी के चरम के बावजूद बहुत जल्दबाजी में 21 मई, 2021 को इसे प्रसारित करके “प्रक्रियाबद्ध और अनुमोदित” किया।

क्या थी दिल्ली की आबकारी नीति ?

दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति का उद्देश्य शहर के कम होते शराब कारोबार को पुनर्जीवित करना और इसकी जगह व्यापारियों के लिए लाइसेंस शुल्क के साथ बिक्री-मात्रा-आधारित व्यवस्था लाना था। इसने ग्राहकों को बेहतर खरीदारी अनुभव देने के लिए शानदार दुकानें खोलने का वादा किया। नीति में शराब की खरीद पर छूट और एक बोतल पर एक फ्री जैसे लुभावने ऑफ़र पेश किए गए, जो दिल्ली में पहली बार हुआ।

लेकिन, जब इस पर सवाल उठे और दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने इस व्यवस्था में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश की, तो केजरीवाल सरकार ने अचानक अपनी योजना वापस ले ली और पुरानी शराब नीति लागू कर दी। इसके परिणामस्वरूप अंततः नीति को समय से पहले ही समाप्त कर दिया गया और 2020-21 की व्यवस्था के साथ बदल दिया गया। AAP ने आरोप लगाया कि सक्सेना के पूर्ववर्ती ने कुछ अंतिम समय में बदलाव करके इस कदम को विफल कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व अपेक्षा से कम रहा। ED ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखकर AAP को विदेशों से मिले 7.08 करोड़ रुपये के चंदे में अनियमितता का आरोप लगाया है, जो विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है।

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