नई दिल्ली: मार्च माह के पहले हप्ते में नेतृत्वविहीन दिल्ली कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने वाली है. वहीं हालांकि नया अध्यक्ष कौन होगा, इस पर विचार विमर्श का दौर अभी भी जारी है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि अलबत्ता विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त से सबक लेते हुए पार्टी इस बार नए अध्यक्ष के चयन में अधिक लेटलतीफी करने के मूड में नहीं है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक नव नियुक्त प्रदेश कांग्रेस के अंतरिम प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. वहीं विधिवत कार्य प्रभार संभालने से पूर्व ही उन्होंने दिल्ली के नेताओं से मिलना भी शुरू किया जा चुका है. वहीं इस बात का पता चला है कि बीते बुधवार यानी 19 फरवरी 2020 शाम तक वह दिल्ली के छोटे बड़े करीब 70 नेताओं से मिल चुके थे. सभी से शिकायतों एवं सुझावों को नोट कर रहे हैं. कुछ नेता ऐसे भी हैं जो पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए सुझाव भी दे रहे हैं. इसी के आधार पर गोहिल कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट और अनुशंसा प्रेषित करेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार अभी ता इस बात का पता चला है कि संगठन को मजबूत करने की मंशा के साथ पार्टी इस बार पिछली गलतियां नहीं दोहराना चाहती. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का ग्राफ बढ़ता दिख रहा था, लेकिन गत 20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद प्रदेश कांग्रेस को नए अध्यक्ष के लिए तीन महीने से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ा. जंहा यह भी कहा जा रह है 23 अक्टूबर 2019 को सुभाष चोपड़ा को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव होने थे.इसी का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है. इसलिए इस बार नए अध्यक्ष के चयन में देरी नहीं होगी. नए अध्यक्ष के रूप में संगठन चलाने की क्षमता को विशेष रूप से केंद्र में रखा जाएगा.
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