नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने दिल्ली में एक ओर भारी कहर बरपा रखा है तो दूसरी ओर कोरोना से उपचार कराने वाली दवाइयों की कीमतें आसमान छू रही हैं। जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं, उनके तीमारदार उपचार के लिए कोरोना बीमारी का उपचार करने वाली दवाइयां बाजार में खोजते हैं, किन्तु बाजार में दवाइयों की किल्लत स्पष्ट दिखाई दे रही है। वहीं, यदि दवाइयां मिल भी रही हैं तो उनकी कीमत बीते 4 से 6 महीने के भीतर 25 से 180 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं।
कोविड-दवाइयों के दाम आसमान में जाने के कई कारण हैं। एक तो चीन से कच्चा माल आने में बहुत समस्यां है, जिसके कारण कोरोना दवाइयों के दाम उछाल मार रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दवा कंपनियों ने मार्जिन कम कर दिया है। इसी के साथ, लॉकडाउन के चलते मजदूर भी पलायन कर गए हैं, जिसके कारण माल के ट्रांसपोर्ट में बेतहाशा इजाफा हुआ है तथा इससे दवाइयों के दाम भी बढ़ गए हैं।
इसके अतिरिक्त दुकानदारों को भी मार्जिन कम मिल रहा है तथा मेडिकल स्टोर वाले दवाइयों को स्टॉक करके भी रख रहे हैं। इन सबमें भी, कोरोना-की दवाइयों की कीमत वृद्धि की सबसे बड़ी वजह है कि अचानक इन दवाइयों की मांग बहुत बढ़ गई है, जबकि चीन से आने वाली दवाईयां बहुत कठिनाई से आ पा रही रही हैं या नहीं आ पा रही हैं। यही कारण है कि 4 से 6 महीने पहले कोरोना के उपचार के लिए प्राप्त होने वाली दवाइयों का मिलना अब कठिन हो रहा है या उनके दाम करीब 25 से 180 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।
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