नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यौन शोषण के जुर्म में जेल की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम के ऊपर लिखी गई "द गनिंग फॉर द गॉडमैन: द ट्रू स्टोरी ऑफ द आसाराम बापू कन्विक्शन" (Gunning for the Godman : The True Story behind the Asaram Bapu Conviction) नामक पुस्तक को सुनवाई की अगली तारीख तक प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आरएस मीणा ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता संचित गुप्ता को अंतरिम राहत देते हुए आसाराम पर लिखी गई पुस्तक की छपाई पर रोक लगा दी है। संचित, आसाराम से संबंधित एक मामले में सह-आरोपित है और उसने किताब के प्रकाशन के खिलाफ फ़ौरन राहत की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि एक वेब पोर्टल पर प्रकाशित पूर्व-जारी एक चैप्टर उसकी मानहानि करने वाला था। राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष उसकी अपील लंबित है।
संचित गुप्ता ने अपने वकील नमन जोशी और करण खानूजा द्वारा दाखिल किए गए एक दीवानी मुकदमे में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इस मामले का वकील विजय अग्रवाल ने पुरजोर विरोध किया था। वकील अग्रवाल ने कोर्ट को बताया था कि किताब हार्पर कॉलिंस द्वारा प्रकाशित की जा रही है और 5 सितंबर, 2020 को फिजीकली और ऑनलाइन दोनों तरह से लांच होने वाली है। इसके बाद अदालत ने इसके प्रकाशन पर रोक लगा दी है।
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