नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) में विशेष लोक अभियोजक के पद पर नियुक्ति के इरादे से केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के फर्जी दस्तखत करने के आरोपी वकील की जमानत अर्जी को दिल्ली की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अश्विनी पंवार ने कहा कि आरोपी राकेश कुमार अवस्थी पर लगे संगीन आरोपों को देखते हुए उन्हें नरमी का कोई अधिकार नहीं है। जज ने कहा कि अपराध की गंभीरता और उसकी प्रकृति को ध्यान में रखते हुए आवेदक/आरोपी को इस आधार पर नरमी पाने का कोई हक़ नहीं है कि वह 1991 से वकालत कर रहा है। क्योंकि उसके खिलाफ फर्जी सिफारिशी पत्र लिखने जैसा संगीन आरोप लगा है। न्यायमूर्ति ने कहा कि तदनुसार जमानत की मौजूदा अर्जी खारिज की जाती है।
जमानत की अर्जी में वकील राकेश कुमार अवस्थी ने दावा किया था कि उनकी छवि काफी अच्छी है और उन्हें इस मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कोई फर्जी कागज़ात तैयार करने से इनकार करते हुए स्वयं को बेकसूर बताया था। वहीं, अभियोजन पक्ष का दावा है कि आरोपी पहले भी इस तरह के अपराध में शामिल रहा है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
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