नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे हाई प्रोफाइल माने जाने वाले नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से सीएम अरविंद केजरीवाल हैटिक बनाने का लक्ष्य लेकर उतरे हैं. जंहा बीजेपी से इस बार उनके सामने जहां युवा सुनील यादव हैं, वहीं कांग्रेस से रोमेश सब्बरवाल किस्मत आजमा रहे हैं. जंहा ऐसे में जीत के दावे सभी कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल के सामने इनका दावा कितना मजबूत है, यह 11 फरवरी 2020 को ही पता लगाया जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार सीएम अरविंद केजरीवाल इस सीट से तीसरी बार मैदान में हैं. जंहा आप का चेहरा होने की वजह से केजरीवाल दिल्ली भर में पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं. जंहा वहीं उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और बेटी हर्षिता प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस सीट पर पहली बार केजरीवाल ने वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25 हजार वोटों से हराया था. वहीं 2015 के चुनाव में 31583 मतों से भाजपा की नुपुर शर्मा को पराजित किया था. वर्ष 2013 में जहां इस सीट पर 12, वहीं 2015 में 16 उम्मीदवार थे. इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल के सामने 27 प्रत्याशी मैदान में हैं. नई दिल्ली सीट पर सभी वर्गो के मतदाता हैं. इसमें झुग्गी वालों से लेकर नौकरशाह व बड़े नेता तक शामिल हैं.
लेकिन सीएम को उनके क्षेत्र में ही बांधकर रखा जाए. यह रणनीति भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपना रहे हैं. वहीं किसी बड़े नाम की जगह दोनों ने ऐसे नेताओं को उतारा है, जो क्षेत्र में ही हर समय सक्रिय रहें. जंहा इसी रणनीति के तहत बीजेपी ने युवा सुनील यादव पर दांव खेल रहे है. वह लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं. मजबूती से चुनाव लड़ लड़ रहे हैं. उनके पीछे पूरी भाजपा खड़ी है. भाजपा के तेज तर्रार सांसदों से लेकर कई केंद्रीय मंत्री तक इस सीट पर केजरीवाल के किले को ध्वस्त करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने सुभाष चोपड़ा के नजदीकी माने जाने वाले रोमेश सब्बरवाल को मौका दिया है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है.
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