नई दिल्ली: बीजेपी का दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के साथ समझौता हुआ है. जंहा इसके तहत उसे संगम विहार व बुराड़ी दो सीटें दी गई हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि समझौते के कारण, इसका बिहार के चुनाव पर असर, पार्टी की चुनावी रणनीति को लेकर संतोष कुमार सिंह ने बिहार सरकार के जलसंसाधन मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व दिल्ली प्रदेश प्रभारी संजय झा से विस्तार से बात की.
जदयू दिल्ली में भाजपा के साथ समझौता करने को क्यों मजबूर हुआ है?
- जंहा इस बात पर गौर फ़रमाया गया है कि केंद्र व बिहार में भाजपा के साथ हमारा 1996 से समझौता है. झारखंड में भी पहले मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार दिल्ली में भी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां रहने वाले पूर्वाचल के लोगों ने पिछली बार अर¨वद केजरीवाल को समर्थन दिया था, लेकिन उन्हें निराशा मिली. उनके साथ गलत बर्ताव हुआ. उन्हें अपमानित किया गया. मुख्यमंत्री कहते हैं कि बिहार के लोग पांच सौ का टिकट लेकर दिल्ली आते हैं और पांच लाख का इलाज कराकर लौट जाते हैं. इस अपमान के खिलाफ और पूर्वांचल के लोगों के हित में यह समझौता है ताकि मतों का बिखराव न हो. इसका असर भी है. दिल्ली के विकास में सभी का योगदान है. किसी से भेदभाव नहीं होना चाहिए.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कांग्रेस के साथ समझौता है. जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. क्या इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा?
-कांग्रेस ने इस चुनाव में हथियार डाल दिए हैं, कहीं प्रचार नजर नहीं आ रहा है. चुनाव दिल्ली में है और राहुल गांधी जयपुर में घूम रहे हैं. आरजेडी की वजह से बिहार के लोगों को बदनामी मिली. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहारियों को सम्मान मिला है. इसके बाद बिहार में चुनाव है. प्रत्येक चुनाव अलग होता है. प्रत्येक राज्य के अपने मुद्दे होते.
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