नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट काटने का निर्णय लिया है, जिसमें तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडेय का नाम भी शामिल है। हालांकि, दिलीप पांडेय ने पार्टी में कुछ और काम करने की सहमति दी है, उनके समर्थक इस फैसले से नाराज हैं और विरोध जता रहे हैं। तिमारपुर में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा देने का ऐलान किया है, और वे नए उम्मीदवार के लिए काम करने से इंकार कर रहे हैं। एक वायरल वीडियो में दर्जनों कार्यकर्ता हाथों में इस्तीफा लिए हुए हैं और पार्टी के फैसले पर असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ने के बजाय केवल अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने उनके द्वारा तीन बार हराए गए उम्मीदवार को फिर से टिकट दिया है।
इस्तीफे देने वाले कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर इसे साझा किया और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं को टैग किया है। उन्होंने बैठक कर इस फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त की। तिमारपुर से पार्टी के सोशल मीडिया इंचार्ज सुंदर मल्होत्रा ने भी सोशल मीडिया पर इस्तीफा साझा करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यक्ति के लिए काम नहीं कर सकते, जिसे टिकट खरीदने के लिए कुख्यात माना जाता है और जिसे पहले तीन बार हराया जा चुका है।
इस बीच, दिलीप पांडेय ने खुद सोशल मीडिया पर यह घोषणा की कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में नहीं लड़ेंगे, और उन्होंने पार्टी में रहकर अन्य काम करने का इरादा जताया। उन्होंने कहा कि तिमारपुर विधानसभा से जो भी चुनाव लड़ेगा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही बनेंगे, और वे दिल्लीवासियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे। पांडेय के समर्थकों का कहना है कि वे किसी ऐसे उम्मीदवार के साथ काम नहीं कर सकते, जो पहले हार चुका हो।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू ने आम आदमी पार्टी जॉइन की है, और ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें तिमारपुर से टिकट मिल सकता है, जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक विरोध जता रहे हैं।