नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के आबकारी विभाग ने राजधानी में देशी शराब की सप्लाई के लिए जारी एक टेंडर को गुटबंदी के शक में निरस्त कर दिया है। दरअसल, हाल ही में उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी नीति की CBI जांच क आदेश दिए गए थे। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि विभाग ने 2022-23 में देशी शराब की आपूर्ति के लिए टेंडर कैंसिल किया है, क्योंकि यह पाया गया कि बोली लगाने वाले, संदिग्ध रूप से उच्चतम बोली कम रखने के लिए अपने संसाधनों को एकत्रित कर रहे थे।
इस बीच, इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि करीब तीन-चार कंपनियां जिन्हें भारत में निर्मित विदेशी शराब की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया था, आने वाले दिनों में कई मुद्दों पर दुकान बंद कर सकती हैं, जिससे शहर में शराब दुकानों की तादाद घटकर तक़रीबन 400 तक आ सकती है। अधिकारी ने बताया कि शहर में देशी शराब की सप्लाई के लिए ऊपर उल्लिखित निविदा को अप्रैल में भी निरस्त कर दिया गया था, क्योंकि बोलीदाताओं ने कोई रुचि नहीं दिखाई थी।
बता दें कि LG वी.के. सक्सेना ने पिछले हफ्ते आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की CBI जांच की अनुशंसा की थी। उन्होंने मुख्य सचिव को शराब की खुद रा बिक्री के लिए लाइसेंस के टेंडर में गुटबंदी के आरोपों पर रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया है कि शराब की खुदरा बिक्री के लिए जोनल लाइसेंस प्राप्त तीन और कंपनियां अगले कुछ दिनों में लाइसेंस सरेंडर कर सकती हैं।
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