नई दिल्ली : सरकार अब राजधानी में होने वाले शादी समारोहों में मेहमानों की संख्या तय करने पर विचार कर रही है। सरकार इसे लेकर एक पॉलिसी तैयार करने जा रही है। साथ ही सूत्रों की माने तो सरकार ने यह भी कहा कि इस तरह के समारोहों में भोजन की बर्बादी न हो इस पर भी गंभीरता से विचार किया जा सकता है। बता दे सरकार ने मंगलवार को यह पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है।
भोजन की बर्बादी पर सरकार गंभीर
प्रदेश के मुख्य सचिव ने मंगलवार को न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि शादी समारोहों में भोजन की बर्बादी को सरकार गंभीर है। साथ ही उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल और सरकार ने इस मसले पर बातचीत की है और दोनों इससे सहमत है कि इस मसले पर पॉलिसी बनाने की जरूरत है। मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार समारोह में भोजन की उपलब्धता, मेहमानों की संख्या निर्धारित करने पर विचार कर रही है। साथ ही संस्थागत कैटरिंग पर भी विचार किया जा रहा है।
दिल्ली के मुख्य सचिव ने पीठ से यह भी कहा कि दिल्ली में शादीयो में बेहिसाब खर्च किया जाता है और कृतिम तरीके से मांग को बढ़ाया जाता है। लिहाजा इस पर लगाम जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि कभी-कभी ऐसे समारोह में भोजन का स्तर नहीं होने पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है, लिहाजा भोजन की गुणवत्ता को लेकर पॉलिशी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
बुद्ध सर्किट ट्रेन को आईआरसीटीसी ने शुरू किया, क्या है इस ट्रेन में खास