दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज (17 दिसंबर 20) कोरोना महामारी को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसानों द्वारा चल रहे विरोध से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया। "वे कहां विरोध कर रहे हैं? दिल्ली?.. के बाहर, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ ने सवाल किया कि इसका क्षेत्राधिकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के बाहर के क्षेत्रों तक नहीं है।
कोर्ट ने जनहित याचिका का जल्दबाजी में मसौदा तैयार करने को भी ध्यान में रखा और पूछा, क्या यह जनहित याचिका या जनहित याचिका है..? याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट रोहित झा ने दलील दी कि विरोध का असर दिल्ली की एनसीटी पर पड़ा है, वहीं कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह केंद्र सरकार नहीं है। आप इसे पंजाब, हरियाणा, इलाहाबाद में दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि यही याचिका काम करेगी।
अदालत ने यह भी दर्ज किया कि किसानों के विरोध का बड़ा मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित था। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में विशेष रूप से विरोध स्थलों पर चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रार्थना की थी। याचिका का निपटारा याचिकाकर्ता को उचित एवंताज के साथ एक और याचिका दायर करने की स्वतंत्रता के साथ किया गया था।
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