नई दिल्ली: देश में हुए 1984 सिख दंगा मामले में पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए दंगों के सिलसिले में दायर 88 दोषियों की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जानकारी के अनुसार बता दें कि निचली अदालत ने 1996 में सभी 88 दोषियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। वहीं दोषियों ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी, जिस पर 22 साल बाद फैसला सुनाना था।
राम मंदिर के लिए संसद में प्राइवेट बिल लाएंगे- मनोज मिवारी
यहां बता दें कि सभी 88 दोषियों पर निचली अदालत में ये आरोप साबित हो गए थे की इन लोगों ने 2 नवंबर 1984 को कर्फ्यू का उल्लंघन कर हिंसा की थी। इसके अलावा बता दें कि उस हिंसा में त्रिलोकपुरी में करीब 95 लोगों की मौत हो गई थी और करीब सौ घरों को जला दिया गया था। वहीं ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसरो आज एक साथ लॉन्च करेगा पृथ्वी निगरानी उपग्रह समेत 31 सैटेलाइट
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए दंगों में 95 शव बरामद हुए थे लेकिन किसी भी दोषी पर हत्या की धाराओं में आरोप तय नहीं हुए थे। पिछली सुनवाई में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके अलावा बता दें कि 1984 सिख दंगा मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया था। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बनाई गई 1984 सिख दंगा मामले में एसआईटी ने कई मुकदमों की दोबारा जांच की है, उन्हीं मामलों में से एक ये मामला भी है।
खबरें और भी
मुज़फ्फरपुर के साथ बिहार के सभी 17 शेल्टर होम की जांच करे सीबीआई - सुप्रीम कोर्ट
टेस्ट टीम में नहीं चुने जाने पर धवन ने तोड़ी चुप्पी
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, बिहार के 17 शेल्टर होम की जांच करेगी सीबीआई