नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई हिंसा से संबंधित एक मामले में कार्यकर्ता देवांगना कलिता को जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने इसी मामले में दो अन्य कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को भी बेल दे दी है। असम की रहने वाली देवांगना पर दिल्ली दंगों के मामले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया था।
तीनों को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने जमानत दी थी। बता दें कि 24 फरवरी, 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और तक़रीबन 200 जख्मी हो गए थे। कहा गया है कि जमानत 50,000 रुपये के निजी मुचलके और दो स्थानीय जमानतदारों के अधीन है।
जमानत की शर्तों के मुताबिक, तीनों को अपना पासपोर्ट जमा करना चाहिए और ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे मामले में व्यवधान पैदा हो। देवांगना कलिता और नरवाल जहां महिला अधिकार समूह पिंजरा टॉड कलेक्टिव की सदस्य हैं, वहीं तन्हा जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं। नरवाल और कलिता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पीएचडी विद्वान हैं।
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