नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान गोकुलपुरी हुई दिलबर नेगी की हत्या के मामले में मंगलवार (18 जनवरी, 2022) को छह आरोपितों की जमानत मंजूर कर ली है। इन पर मिठाई की दुकान में तोड़फोड़ और उसमें आग लगा लगाने का इल्जाम था जहाँ आग और चोट लगने से उत्तराखंड के दिलबर नेगी की जान चली गई थी। इनके खिलाफ गोकुलपुरी थाने में IPC की धारा 147, 148, 149, 302, 201, 436 और 427 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस मामले में मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज की जमानत मंजूर कर ली है। मृतक दिलबर सिंह नेगी अनिल स्वीट कार्नर में वेटर की नौकरी करता था। इन सभी आरोपितों पर मिठाई की दुकान में तोड़फोड़ और आग लगाने का केस दर्ज था। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपितों की जमानत का पुरजोर विरोध किया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जहाँ दंगे सुबह शुरू हुए और देर रात तक चलते रहे, तो यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपित दोपहर में दंगा करने वाली भीड़ में शामिल थे, न कि रात के दौरान पथराव करने वाली भीड़ का।
बता दें कि 22 साल के दिलबर नेगी को दिल्ली की गोकुलपुरी में दंगाइयों की भीड़ ने उसके हाथ-पैर काटकर उसे आग के हवाले कर दिया था। नेगी घटना से छह माह पहले ही अपने पैतृक राज्य उत्तराखंड से नौकरी के लिए दिल्ली आया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 24 फरवरी को शिव विहार तिराहे के पास एक दंगा हुआ था, जिसमें आरोपितों ने पथराव किया, तोड़फोड़ की और वहाँ कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। दो दिन बाद एक मिठाई की दुकान से दिलबर नेगी का क्षत-विक्षत जला हुआ शव बरामद हुआ था। बताया जाता है कि जब लोगों ने इस शव को देखा, तब भी वह जल ही रहा था। गोकुलपुरी थाने में मामला दर्ज होने के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की। हालांकि, आगे की जाँच, अपराध शाखा की SIT को ट्रांसफर कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच के दौरान मामले में 12 आरोपितों को अरेस्ट किया गया। वहीं तफ्तीश के बाद 4 जून 2020 को चार्जशीट फाइल की गई।
इस चार्जशीट के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की ओर से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए हिंसा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक यह भीड़ आगजनी करती रही। पुलिस ने कहा कि भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान को आग के हवाले कर दिया था, जहाँ से पुलिस को 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव मिला था। हत्या के समय नेगी लंच और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहाँ उसे दंगाइयों ने उसे काटकर आग लगा दी था। बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक चले हिन्दू विरोधी दंगों में कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी, जबकि करीब 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
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