नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल को दिल्ली हवाई अड्डे पर रोकने के खिलाफ दाखिल याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 3 सितंबर तक सुनवाई स्थगित रही. दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता सर्वोच्च न्यायालय में चिदंबरम मामले में दलील दे रहे थे और हाईकोर्ट में दोपहर के समय मौजूद नहीं थे.
सुनवाई के दौरान फैसल के वकीलों ने मांग करते हुए कहा कि उनके बेटे और माता-पिता को उनसे मिलने दिया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि फैसल की पत्नी, पुत्र और अभिभावक उनसे मिल सकते हैं, किन्तु सभी एक साथ नहीं. केंद्र सरकार की ओर से भी अदालत में इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि वह यह तय करेगी कि परिवार फैसल से मिल सके. उल्लेखनीय है कि शाह फैसल को दिल्ली हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोका गया था और बाद में वापस कश्मीर में पहुंचा दिया गया था.
यह घटना 14 अगस्त को घटी थी. इस मामले में अब दिल्ली उच्च न्यायालय 3 सितंबर को सुनवाई करेगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने अपना जवाब दायर करने के लिए अदालत से समय मांगा था. आपको बता दें कि शाह फैसल की याचिका के अनुसार फैसल उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जा रहे थे जब उन्हें लोक सुरक्षा कानून के तहत दिल्ली एयरपोर्ट पर अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया गया.
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