नई दिल्ली: विदेशी वैक्सीन निर्माताओं के भारत में वैक्सीन के अप्रूवल के लिए आवेदन की जानकारी मांगने की याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर 10 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को लताड़ लगाते हुए कहा है कि केवल आपकी जानकरी में इजाफा करने के लिए हम याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह इन दिनों ट्रेंड बन गया है कि, कोई भी अपने मन में आने वाले विचार को रिट क्षेत्राधिकार के तहत जनहित याचिका दायर कर देता है. याचिका का इस तरह गलत इसतमाल नहीं किया जा सकता है. उच्च न्यायालय ने कहा कि, ‘RTI का भी प्रावधान है जहां आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. याचिका मयंक वाधवा द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें केंद्र सरकार और अन्य को निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र और अन्य विदेशी वैक्सीन निर्माताओं की जानकारी प्रदान करें जिन्होंने भारत में आवेदन किया है.
याचिका में कहा गया है कि, “प्रतिवादियों को अपने इम्पोर्ट लाइसेंसिंग और आपातकालीन अनुमोदन प्रक्रिया में परिवर्तन करने का निर्देश दिया ताकि इसे भारतीय वैक्सीन को प्रदान की गई स्वीकृति के बराबर बनाया जा सके. फाइजर जैसी विदेशी वैक्सीन को अनुमति देने और उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग भी की गई., जो अन्य देशों में असरदार साबित हुए हैं और भारतीय नागरिकों को उपलब्ध कराए गए हैं.
इजराइल को करोड़ों डॉलर के हथियार देगा अमेरिका, फिलिस्तीन में मच सकती है भीषण तबाही
अगले हफ्ते से 14 भाषाओँ में उपलब्ध होगा कोविन पोर्टल, GoM की बैठक में हुआ ऐलान