नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जामिया में भड़की हिंसा के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. दोनों से पूरे प्रकरण में हलफनामा मांगा गया है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस और GNCTD को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
फिलहाल, अदालत ने छात्रों के पक्ष में कोई भी आदेश जारी करने से साफ़ इंकार कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को की जाएगी. गुरुवार को की गई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि पुलिस ग़लत तरीके से यूनिवर्सिटी में भीतर घुसी और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान छात्रों को चोटें आईं. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रोक्टर ने पुलिस को भीतर जाने की इजाजत नहीं दी थी, लगभग 52 छात्रों को गंभीर चोट आई.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने हिरासत में लिए गए छात्रों को चिकित्सा सहायता भी मुहैया नहीं कराई. याचिकाकर्ताओं ने कहा, हम मांग करते हैं कि किसी रिटायर्ड जज से अदालत की निगरानी में जांच कराई जाए. पुलिस को छात्रों के खिलाफ कार्रवाई से रोका जाए. छात्रों के साथ अपराधियों जैसा व्यव्हार किया गया है.
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