दिल्ली उच्च न्यायालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें विभिन्न सामाजिक मीडिया कंपनियों पर फ्रिडम ऑफ स्पीच के दुरुपयोग और भारतीय कानूनों का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है.
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इस मामले को लेकर उन्होंने याचिका में कहा कि इसके परिणामस्वरूप विभाजनकारी समाज और दंगे जैसे हालात पैदा हुए हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उनकी इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गूगल इंडिया, फेसबुक इंडिया और ट्विटर इंडिया को 13 अप्रैल के लिए याचिका और पोस्ट किए गए मामले पर नोटिस जारी किया. कोर्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों को हटाने के लिए मध्यस्थों के नामित अधिकारियों के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए केंद्र और सामाजिक मीडिया संगठनों की प्रतिक्रिया चाहता है.
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