नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मानहानि की अर्जी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा को समन भेजा है। यही नहीं हाई कोर्ट ने पवन खेड़ा को उस ट्वीट को फ़ौरन डिलीट करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें उन्होंने स्मृति ईरानी की बेटी पर गैरकानूनी लाइसेंस के द्वारा बार चलाने का इल्जाम लगाया था। दरअसल, दोनों नेताओं ने प्रेस वार्ता करते हुए स्मृति ईरानी की कॉलेज में पढ़ने वाली 18 वर्षीय बेटी पर अवैध लाइसेंस के द्वारा बार चलाने का इल्जाम लगाया था।
स्मृति ईरानी की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया कि जिस बार का जिक्र कांग्रेस नेता लगातार कर रहे हैं, उससे उनकी बेटी का कोई संबंध या लेना देना नहीं है। लेकिन सियासी दुर्भावना के चलते उस बार के साथ मेरी बेटी का नाम जोड़ा गया है। इस मामले में बेबुनियाद और मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पवन खेड़ा को बार लाइसेंस विवाद के आरोपों पर अपमानजनक ट्वीट को फ़ौरन डिलीट करने का निर्देश दिया है। इस मामले में 18 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दाखिल सिविल मानहानि के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता जयराम नरेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी करते हुए अगली सुनवाई में जवाब के साथ पेश होने के लिए कहा है। मानहानि का सिविल सूट होने के कारण समन भी जारी किया गया है।
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