नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. याचिका खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका को पब्लिसिटी के लिए दाखिल की गई याचिका करार देते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने EVM पर सवाल तो उठा दिए, किन्तु उनके पास EVM को लेकर कोई विशेष जानकारी मौजूद नहीं है.
आगामी चुनाव EVM की जगह बैलेट पेपर से करवाए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि विश्व के कई देशों में EVM की जगह एक बार फिर से बैलट पेपर के माध्यम से चुनाव होने शुरू हो गए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि जिन देशों ने EVM की शुरुआत भी की थी, वे भी अब वापस बैलेट पेपर पर लौट आए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि हमारे देश में कई पार्टियों के राजनेताओं को भी EVM पर भरोसा नहीं है, केवल केंद्रीय चुनाव आयोग को ही है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आपके पास ऐसे क्या आधार है जिसके आधार पर आप कह रहे हैं कि EVM में गड़बड़ी हो सकती है. याचिकाकर्ता ने कहा कि जर्मनी की सर्वोच्च न्यायालय ने भी EVM के इस्तेमाल को असंवैधानिक करार दिया है.
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