नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की उस याचिका को ठुकरा दिया, जिसमें अमेजन को दखल देने से रोकने का आग्रह किया गया थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में SEBI और BSE से कहा है कि वो क़ानून के हिसाब से अपना काम करने के लिए आज़ाद हैं, किन्तु अमेज़न को अथॉरिटीज को कोई कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखने के लिए नहीं रोका जा सकता, अमेज़न किसी भी अथॉरिटी को पत्र लिखने के लिए स्वतंत्र है.
दरअसल, सिंगापुर की अदालत के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक के फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था. उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य माना है और प्रथम दृष्टया फ्यूचर ग्रुप की रिलायंस के साथ डील को सही माना है. फ्यूचर रिटेल ने सिंगापुर की मध्यस्थता कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए राहत की मांग की थी. फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई कि अमेजन के इस सौदे में दखल पर रोक लगाई जाए.
आपको बता दें कि रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपए की डील हुई थी, इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा. मगर अमेज़न को इस डील को लेकर आपत्ति थी. इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की अदालत में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप को लेकर याचिका दायर की थी.
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