नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। साथ में उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें साकेत अदालत में हुए मामले में शामिल वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार (2 नवंबर) को वकीलों और पुलिसवालों के मध्य हुई हिंसक झड़प ने बुधवार को उग्र रूप धारण कर लिया।
मंगलवार को जहां हजारों पुलिसवालों ने दिल्ली की सड़कों पर उतारकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं दो नवंबर के बाद से चल रहे वकीलों के प्रदर्शन ने बुधवार (6 नवंबर) को जमकर हंगामा किया। वकील आज दिल्ली की तीन बड़ी अदालतों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छह में से तीन अदालतों (पटियाला हाउस कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, साकेत कोर्ट) का कामकाज पूरी तरह बंद हो गया है। इतना ही नहीं वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा भी बंद कर दिया है।
साकेत कोर्ट और रोहिणी कोर्ट के बाहर वकील उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वह कोर्ट परिसर के भीतर किसी को भी जाने नहीं दे रहे हैं। आम लोगों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एलजी आवास पर मीटिंग के बाद वरिष्ठ अधिकारियों जिसमें संयुक्त सीपी (क्राइम) भी उपस्थित थे, के साथ पुनर्विचार याचिका को लेकर बैठक की। यह पुनर्विचार याचिका दिल्ली उच्च न्यायलय के उस आदेश के खिलाफ फाइल किया जाना है जो तीस हजारी अदालत में हुए विवाद में आया था।
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